Wednesday, March 2, 2011

** नए पन्ने ......

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"बड़ी रंगीन तबीयत थी ,हमारी भी...
काश मेरे दिल में तू ऐसे समाया न होता ..
तेरी चौखट चूम कर जाता रहा हू, मै...
कहा नहीं भटकता रहा हू मै  दर बदर...
गर तुने ऐसे ठुकराया ना होता  ....
बड़ी रंगीन ...............
बड़ा ही सफेद पोस बना रहेता मै .... 
अगर ज़माने ने यु ठुकराया ना होता ....
मेरे ये ज़ख़्म कब के भर गए होते .....
ग़र तूने ऐसे ज़लाया न होता .....
बड़ी रंगीन ...............
अब तक तो सुकू से जीने न दिया तेरी यादो ने ... 
अब तक तो मर भी  गया  होता ...
गर पीछे मुड कर तू यू मुस्कुराया  ना होता.....
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