Sunday, April 3, 2011

पहेलू..........जिंदगी का.....

वो अकेला आज फिर क्या खाया होगा....
आज फिर किसी गली में सोया होगा ......
किसी भीड़ में या किसी बस स्टॉप पर ...
जाने कितने लोगो से ठुकराया होगा...
बहुत भीड़ है इस दुनिया में लोगो की .....
लेलिन वह आपके को अकेला पाया होगा....
लोगो को देख कर वह अपने पर सकुचाया होगा....
सायद खुदा है उसके साथ यही सोच कर.
थोडा सा सहारा पाया होगा..
.खुद को याद रखने में बहुत ही कस्ट होता है..
.इसी  लिए  खुद को भुलाया होगा....
कल कुछ लोग ले जा रहे थे उसे अस्पताल .....
मौत से निकल कर शायद वो कितना पछताया होगा....